देवघर। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे और तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के बीच चल रही खींचतान में देवघर के पूर्व एसपी रहे सुभाष चंद्र जाट भी कूद पड़े हैं। कल देर शाम एसपी जाट ने तत्कालीन डीसी पर कई आरोप लगाते हुये गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है, जिसमें यह बताया गया है कि गोड्डा से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे से डीसी मंजूनाथ भजंत्री निजी दुश्मनी साधते थे और उन पर दबाव बनाते थे कि किसी भी तरह सांसद निशिकांत दुबे को किसी केस में फंसाएं और उन्हें गिरफ्तार कर लें।
फिलहाल पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त पद पर आसीन मंजूनाथ भजंत्री ने सभी आरोपों को मनगढ़ंत करार देते हुये, उसे ऑफिसियल सेक्रेट एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन बताया है। उपायुक्त भजंत्री ने कहा कि डीसी होने के नाते उन्होंने एसपी सुभाष चंद्र जाट के बारे में अपना एप्रेजल नियमानुसार दिया था। जिसपर बिन्दुवार श्री जाट ने जो जबाव सार्वजनिक किया है, वह ऑफिसियल सेक्रेट एक्ट का उल्लंघन है।
डीसी होने के नाते मैं जिले का नियंत्री पदाधिकारी होता हूं लेकिन उन्हें बहुत सारे गंभीर और संवेदनशील मामलों की एसपी जानकारी ही नहीं देते थे। जिला पुलिस बल पर एसपी प्रभावकारी नियंत्रण रखने में विफल रहे, जिला सुरक्षा समिति द्वारा अंगरक्षक प्रदान करने के मामले में उन्हें अनदेखा किया तथा कई अन्य संवेदनशील तथा राष्ट्र हित के मामलों में उन्होंने मनमाने ढंग से कार्रवाई की।
उपायुक्त के अनुसार उन्होंने गोपनीय एप्रेजर में अपना प्रतिवेदन दिया है, जिसके बाद से एसपी जाट भड़के हुए हैं और सांसद निशिकांत दुबे के कंधे पर बंदूक रखकर यह पत्र सार्वजनिक कर गोली दागने का प्रयास किया है। सांसद के नाम पर श्री जाट ने उनके खिलाफ जो भी बातें सार्वजनिक की हैं वह मनगढंत और बनावटी हैं। डीसी ने बाबा मंदिर में वहां के प्रबंधक रमेश परिहार पर किये गये दफा 307 के मुकदमे, एक पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा बैंक में तैनात कारगिल के योद्धा पूर्व सैनिक बैंक सुरक्षा गार्ड की पिटाई और गिरफ्तारी अपराधी छवि के व्यक्ति को अंगरक्षक देकर खूनी संघर्ष में उन अंगरक्षकों की हत्या, एक आपराधिक मामलों के अभियुक्त पर लगे सीसीए का फालोअप नहीं करने जैसी बातों के बारे में अपने एप्रेजल में रिपोर्ट दी।
विदित हो कि सुभाष चंद्र जाट ने पत्र में लिखा है कि भजंत्री ने लोकसभा समिति के सामने निशिकांत के खिलाफ गलत शिकायत करने का भी दवाब बनाया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लोकसभा समिति सांसद द्वारा मंजूनाथ भंजंत्री के खिलाफ प्रिविलेज मोशन की भी जांच कर रही थी। एसपी ने अपने पत्र के जरिए कहा है कि सांसद के खिलाफ भजंत्री गलत तरीके से कार्रवाई करने का दबाव बनाते थे लेकिन बार-बार एसपी द्वारा मना किए जाने पर वे नाराज हो जाते थे। वहीं सांसद जब देवघर से बाहर किसी दौरे पर जाते थे तो वे उनके लिए सुरक्षा और गाड़ी की सुविधा भी उपलब्ध नहीं करवाते थे। एसपी जाट ने पत्र में आरोप लगाया है कि देवघर के तत्कालीन उपायुक्त भजंत्री जिला थाना प्रभारी और जांच अधिकारी से गुप्त फाइलें मंगवाते थे और एसपी के मना करने के बावजूद जबरन फाइल पढ़ते थे।
झारखंड कैडर के 2015 बैच के आइपीएस अधिकारी सुभाष चंद्र जाट वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआइ में एसपी के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके विरुद्ध किए गए डीसी का वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) दुर्भावना से प्रेरित है।
कौन हैं मंजूनाथ भजंत्री?
झारखंड कैडर के 2011 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री को उनके जमीन से जुड़े स्वभाव की वजह से जाना जाता है। एक गरीब परिवार में जन्म लेने वाले भजंत्री आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद सिविल सेवा में आये। प्रदेश की गठबंधन सरकार द्वारा नवम्बर 2020 में उन्हें देवघर का उपायुक्त नियुक्त किया गया। पिछले वर्ष जुलाई में उन्हें पूर्वी सिंहभूम जिले की कमान सौंपी गई।
कभी जमीन पर बैठ कर जनता की शिकायतें सुनने वाले, तो कभी पर्यावरण संरक्षण तथा स्थानीय गरीबों को रोजगार दिलवाने हेतु थर्मोकॉल बैन कर के पत्तों से बने दोने-पत्तल का प्रचार करने वाले मंजूनाथ भजंत्री को “आम जनता का डीसी” माना जाता है। जिले के गरीबों, असहायों तथा वंचित तबकों के लिए “सदैव उपलब्ध” भजंत्री ऑनलाइन/ ऑफलाइन जन-समस्याओं के समाधान में जुटे रहते हैं।
देवघर रोपवे हादसे के दौरान उनकी कार्यशैली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहा था। जनवरी 2023 में, प्रतिष्ठित अखबार “द इंडियन एक्सप्रेस” द्वारा एमएसएमई श्रेणी में उनके कार्य को देखते हुए, उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ जिलाधीश/ डीएम के तौर पर “Excellence in Governance Award” दिया था। उन्हें यह अवार्ड केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया था।