झाबुआ। मध्य प्रदेश में आदिवासियों के उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में, झाबुआ के आदिवासी छात्रावास में आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम ने वहां मौजूद बच्चियों से बेहद अश्लील हरकतें कीं। छात्राओं ने इसकी शिकायत छात्रावास अधीक्षिका से की, जिसके बाद अधीक्षिका ने छात्राओं के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज करवाया। मामले की गंभीरता देखते इंदौर कमिश्नर पवन कुमार शर्मा ने एसडीएम सुनील कुमार झा को निलंबित कर दिया है।
छात्राओं ने उस पर किस करने, गलत तरह से छूने एवं अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया है। झाबुआ कोतवाली में सोमवार देर रात एसडीएम झा के विरुद्ध धारा 354, एसटी एससी एक्ट और पाक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर लिया गया। इसके बाद मंगलवार तड़के ही पुलिस ने उन्हें उनके निवास से हिरासत में भी ले लिया। बाद में पुलिस एसडीएम झा को कोर्ट लेकर पहुंची।
प्राप्त सूचना के अनुसार, रविवार को दोपहर चार बजे के लगभग वे झाबुआ के नवीन आदिवासी कन्या आश्रम निरीक्षण के लिए अचानक पहुंच गए थे और वहां उन्होंने तीन नाबालिग आदिवासी कन्याओं के साथ अश्लील हरकतें की थी। मंगलवार दोपहर को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय झाबुआ में पेश किया, जहां से झा को जेल भेज दिया गया।
इधर प्रकरण में कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर संभागायुक्त ने उन्हे निलंबित करने के आदेश जारी जारी कर दिए गए। आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि एसडीएम एसके झा के द्वारा प्रथम दृष्टया अपने पदीय दायित्व के निर्वहन में घोर लापरवाही एवम् अनुशासनहीनता की गई है। उनका यह कृत्य मप्र सिविल सेवा आचरण के विपरीत है। इस आधार पर उन्हें निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय कलेक्टोरेट बुरहानपुर किया गया है।
उल्लेखनीय है कि झा अपनी कार्यशैली के कारण लंबे समय से विवादों में थे। पहले उन पर रेत माफियाओं से अवैध वसूली करने का आरोप लगा था। इस मामले में एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। झा इंदौर में रहते हुए भी महिला कर्मचारियों से जुड़े मामलों में विवादित रहे हैं। उस समय भी उनसे कलेक्टर ने सारे काम वापस ले लिए थे। रतलाम में भी ये इसी तरह से चर्चा में रहे। हालांकि तब कोई अधिकृत शिकायत नहीं होने से कार्रवाई नहीं हुई थी, लेकिन उनका आचरण ऐसा ही था।