रांची। आदिवासी संगठनों ने रूपा तिर्की मामले में एक फिर से राज्य सरकार को घेरा है। गुरूवार को आदिवासी संगठनों की एक बैठक हुई जिसमे आदिवासी संगठनों ने सरकार से न्याय दिलाने की मांग की है। बैठक में कहा गया कि उच्च न्यायालय की अगली सुनवाई की तारीख 29 जुलाई नजदीक पहुंच गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के द्वारा जानकारी दी है कि उच्च न्यायालय द्वारा 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश के बावजूद अभी तक सरकार ने न्यायालय को किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया गया है, जिसपर सभी संगठनों ने आक्रोश जताया है।
आदिवासी छात्र संघ के मिडीया प्रभारी सुमित उरांव ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य की आदिवासी बेटी रूपा तिर्की को न्याय दिलाने में सक्षम नहीं है। हमें हर हाल में सीबीआई जांच चाहिए। क्योंकि न्यायिक जांच की टीम द्वारा मृत शरीर का रि-पोस्टमार्टम नहीं किया गया है, जिसके बाद न्यायिक जांच पर संदेह पैदा होता है।
मामले में हो रही लिपापोती
बैठक में परिषद की रांची जिला अध्यक्ष कुंदरसी मुंडा ने कहा कि राज्य सरकार के पास इस मामले को लेकर कोई जवाब ही नहीं है। सरकार मामले की लिपापोती में लगी है। महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर सरकार और साहेबगंज प्रशासन का रवैया संतोषजनक नहीं लग रहा है। संगठन ने कहा कि अगर रुपा तिर्की मुख्यमंत्री की बहन जैसी थी, तो एक भाई अपने बहन को न्याय दिलाने में क्यों हिचकिचा रहे हैं।