रांची। अब इसे झारखंड का दुर्भाग्य कहें या अधिकारियों का दुस्साहस अथवा सत्ता की नाकामी, लेकिन झारखंड में उस सेना के कब्जे वाली जमीन भी बेच दी गई, जो पूरे देश की रक्षा करती है।
यह मामला नवंबर 2018 से जनवरी 2019 के बीच का है, जब रांची के बरियातू में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन को 16 लोगों को बेचा गया था। जनवरी 2019 में हुई इस जमीन की रजिस्ट्री के डेढ़ साल बाद सेना को इसकी जानकारी मिली। फिर 1 जून 2021 को दानापुर के सेना के संपदा अधिकारी (बिहार- झारखंड) ने रांची डीसी को पत्र लिखकर बताया कि जमीन पर सेना का कब्जा है। जमीन भारत सरकार की है। इसकी रजिस्ट्री गलत तरीके से हुई है।
इस मामले में लंबे समय से जांच चल रही है और अब ईडी की कार्रवाई शुरू हुई है। कल देर रात, इस मामले में ईडी ने सीआई समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में कारोबारी प्रदीप बागची, सीआई भानु प्रताप, अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान और मोहम्मद सद्दाम शामिल हैं।
इससे पहले ईडी ने गुरुवार को इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के आरोप में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाईं के सीओ मनोज कुमार, सीआई भानु प्रताप, अमीन सुजीत कुमार सहित जमीन कारोबार से जुड़े फैयाज खान, इम्तियाज अहमद, अफसर अंसारी, लखन सिंह, तबरेज अख्तर सहित 18 लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था। ईडी ने सेना की जमीन की हेराफेरी करनेवाले प्रदीप बागची के आसनसोल स्थित ठिकाने पर भी छापा मारा था।
समाज कल्याण निदेशक के पद पर पदस्थापित छवि रंजन को ईडी बुलाकर पूछताछ करने की तैयारी में है, और उन्हें चुनाव आयोग ने उन्हें कर्नाटक की चुनावी जिम्मेदारी से हटा दिया है।
इससे पहले, ईडी के अधिकारियों ने बीते साल 5 नवंबर को कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल व न्यूक्लियस माल के मालिक विष्णु अग्रवाल, साथ ही खरीद-बिक्री में शामिल लोगों सहित दो रजिस्ट्रार से जुड़े दो दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी।
इस मामले की जांच के दौरान ईडी ने पाया कि इस मामले से जुड़े कई सौदों में एक सौदे में, मूल रूप से पश्चिम बंगाल के झालदा के निवासी विष्णु अग्रवाल ने फरवरी 2018 में महुआ मित्रा व संजय कुमार घोष से 3.75 एकड़ जमीन के लिए 24.37 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यह जमीन सिरमटोली चौक पर है, जिसे सेना के कब्जे की जमीन बताया जा रहा है।
इसके अलावा बताया जा रहा है कि विष्णु अग्रवाल ने कुगरू में 9.3 एकड़ खासमहल की जमीन खरीदी है, जिसके दस्तावेज जाली बताए गए हैं। इस मामले में रांची के सब रजिस्ट्रार वैभव मनी त्रिपाठी से लंबी पूछताछ हुई थी।