रांची। झारखंड में आदिवासी जमीन की हेराफेरी की जांच के लिए बनी विधानसभा की विशेष कमेटी को 31 दिसंबर तक अवधि विस्तार दे दिया गया है। यह कमेटी आदिवासी जमीन की हेराफेरी संबंधी शिकायतों की जांच कर रही है।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सुझाव पर विधानसभा के मॉनसून सत्र में यह विशेष कमेटी गठित की गयी थी। कमेटी को 45 दिनों में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन कमेटी के संयोजक श्री स्टीफन मरांडी सहित सदस्यों का मानना था कि इतने कम दिनों में इस बड़े मामले को लेकर जांच पूरी नहीं हो सकती है। इस कारण कमेटी के आग्रह को विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने स्वीकार कर लिया है और फिलहाल कमेटी का कार्यकाल 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है़।
गौरतलब है की राज्य में सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर 21 हजार से अधिक परिवारों की 21,173 एकड़ जमीन गैर -आदिवासियों के नाम कर दी गई। विशेष विनिमय पदाधिकारी (एसएआर कोर्ट) के न्यायालय के स्तर से मुआवजा के जरिये ये मामले निष्पादित कर दिए गए। अभी एसएआर कोर्ट समाप्त हो चुका है। फिलहाल 4727 आदिवासी परिवारों की 3879 एकड़ भूमि से संबंधित मामले लंबित हैं। इनमें से सर्वाधिक 3541 मामले रांची में जमीन की हेराफेरी से जुड़े हैं। जबकि लातेहार में 657 और पाकुड़ में 110 मामले हैं।