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सबर परिवारों के साथ लंच कर उपायुक्त ने विकास कार्यों का जायजा लिया

जमशेदपुर। कहा जाता है कि एक तस्वीर हजार शब्दों से ज्यादा बोलती है और आज पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड के दुर्गम क्षेत्र में बसे सबर-बहुल गाँव खड़िया कोचा में जब पूर्वी सिंहभूम जिले की उपायुक्त विजया जाधव तथा पूरा प्रशासनिक महकमा पहुँचा, तो ग्रामीणों की खुशी देखते ही बनती थी।

इस गाँव में जब अधिकारी पहुंचे तो सबर परिवारों ने बड़े गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। जिला प्रशासन ने जंगल तथा पहाड़ों के बीच बसे इस गांव में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं की जानकारी ली, सरकारी योजनाओं के लाभुकों का आंकड़ा जमा किया तथा राशन, पेंशन, आवास, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की स्थिति को समझने का प्रयास किया।

पूरे दिन उसी गांव में रह कर जिले के वरीय पदाधिकारियों ने सबर परिवारों के साथ ही दोपहर का भोजन किया और उनके बीच रोजमर्रा की काम आने वाली वस्तुओं का वितरण किया।

डीसी ने 45 बच्चों, वृद्ध, महिलाओं के बाल कटवाया
दुर्गम क्षेत्र होने के कारण गांव के बच्चे व बड़े बहुत कम ही गांव के निकटतम मार्केट जादूगोड़ा आ पाते हैं। गांव में कई बच्चे ऐसे थे जिन्होंने कई दिनों से नहीं नहाया था, बाल और नाखून बढ़े हुए थे। डीसी की नजर उन पर पड़ी तो मौके पर ही उन्होंने नाई को बुलवाकर खुद खड़े होकर 45 बच्चों, वृद्ध, महिलाओं के बाल कटवाए।

मौके पर मौजूद मुखिया, सेविका व पारा शिक्षक द्वारा ग्रामीणों को नहाने का मतत्व समझाया गया। कई बच्चों को स्किन प्रॉब्लम (चर्म रोग), पांव में इंफेक्शन व फंगल इंफेक्शन पाए गए। मौके पर ही 50 साबुन का वितरण करते हुए सभी बच्चों के साथ 25 परिवारों के एक-एक सदस्य जो मौजूद थे उनका स्वास्थ्य जांच कर दवा उपलब्ध कराई गई। कई दिनों से महिलाओं ने बालों में कंघी नहीं की थी, सभी को कंघी दिया गया व प्रत्येक दिन साबुन से नहाने, कंघी का इस्तेमाल कर साफ- स्वच्छ रहने की सलाह दी गयी।

आंगनबाड़ी केंद्र जाने वाले बच्चों का वजन, बाहू व लम्बाई का माप लिया गया, उनके अभिभावकों को भी स्थानीय स्तर पर उपलब्ध साग, सब्जी जैसे उचित पोषाहार के सेवन को लेकर जागरूक किया गया।

खाने-पीने व खेलकूद के सामान का वितरण
ग्रामीणों के बीच 60 कम्बल, 15 साड़ी, 20 स्वेटर, 20 मंकी कैप, खेल किट में बैडमिंटन, बच्चों के लिए फुटबॉल, बच्चों के खिलौने, पेंसिल बॉक्स, फल, ब्रेड आदि दिया गया। बच्चे भी खेल कूद का सामान मिलने पर खुश दिखे। ग्रामीणों ने भी खुशी जताते हुए कहा कि इतने दूर जंगल के बीच हमलोगों के बीच अधिकारी आते हैं तो काफी खुशी मिलती है। हमारी समस्याओं को सुनकर समाधान भी हो रहा है, ऐसे में हमारी खुशी दोगुनी हो जाती है।

खड़िया कोचा गांव में 25 सबर परिवार रहते हैं जिसकी कुल आबादी 98 लोगों की है जिसमें 53 पुरुष व 45 महिलाएं हैं। गांव के 6 बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं वहीं 25 छोटे बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र जाते हैं। गांव में दो धात्री महिला है जिनको उचित पोषाहार आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से नियमित उपलब्ध कराया जाता है।

सबर परिवारों के साथ यह दिन यादगार रहा: उपायुक्त
सबर परिवारों के बीच बिताये गए इस दिन को यादगार बताते हुए उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि यहां के लोग काफी भोले भाले व सरल हृदय के हैं। जिला प्रशासन समाज के आखिरी पायदान पर खड़े इन आदिम जनजातियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयासरत है।

“हमारा प्रयास है कि इन लोगों के जीवन में उत्थान की दिशा में पहल की जाए। सरकार के कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी उन्हें हो, वे उनका लाभ लें, जागरूक नागरिक बनें, अपने अधिकारों को समझें। आज जिला प्रशासन इन ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत हुआ, गांव को जोड़ने वाली सड़क की समस्या तथा अन्य जिन कमियों को संज्ञान में लाया गया उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा।”

इस दौरान एसडीएम धालभूम पीयूष सिन्हा, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नंदकिशोर लाल, निदेशक डीआरडीए सौरभ सिन्हा, सीओ इम्तियाज अहमद, बीडीओ पोटका निखिल कच्छप, एमओआईसी, सीडीपीओ, एनजीओ- ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट के मुख्तार आलम, इलियास खान तथा स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधि व अन्य मौजूद रहे।

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