रांची। आगामी 12 मार्च (रविवार) को होने वाली सरना धर्म कोड महारैली को लेकर शुक्रवार को राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के लोगों ने प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने कहा कि सरना धर्म कोड की मांग वर्षों से की जा रही है लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक अपना फैसला नही सुनाया है। इसलिए महारैली के माध्यम से विश्व भर के आदिवासियों को पहचान दिलाने के लिए रैली बुलायी गयी है। इस महारैली में राज्य समेत विदेश से भी आदिवासी समाज के लोग शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि भारत में छह धर्मों के लोगों का अलग धर्म कोड है। इनमें बौद्ध, जैन, ईसाई, हिंदू, मुस्लिम, सिख शामिल हैं, लेकिन आदिवासियों का अलग धर्म कोड नहीं है, जबकि आदिवासियों की जनसंख्या 17 करोड़ है। लेकिन इसकी जनसंख्या धीरे- धीरे कम हो रही है तथा संस्कृति विलुप्त हो रही है। उन्हें सांस्कृतिक पहचान दिलाने के लिए ही 12 मार्च को सरना धर्म कोड महारैली निकाली जाएगी।
इस अवसर पर शिवा कच्छप, रवि तिग्गा, अनिल उरांव, रंथु उरांव, बलकु उरांव, राणा प्रताप उरांव, संजय पाहन समेत आदिवासी समाज से जुड़े कई अन्य लोग उपस्थित थे।