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बालाघाट : आदिवासियों को सालों से नसीब नहीं हो रही पक्की छत

तस्वीर प्रतीकात्मक है।

बालाघाट (मध्य प्रदेश)। बिरसा तहसील की नगरपालिका परिषद मलाजखंड के रेंहगी ग्राम के कटियानाला अंतर्गत बैगाटोला वार्ड नंबर 10 के बैगा आदिवासी परिवार सालों से कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं चलने के लिए पक्की सड़क भी नसीब नहीं हो पा रही है जिससे बारिश के दिनों में कीचड़ वाली सड़क से आदिवासियों को आवाजाही करनी पड़ती है। आदिवासियों ने कई बार प्रधानमंत्री आवास और सड़क बनाने के लिए नपा में शिकायत की, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसके चलते सालों से समस्या जस की तस बनी हुई है।

आदिवासी सवनी मरकाम, अमरलाल मरावी ने बताया कि बैगाटोला के वार्ड नंबर 10 में वे पीढ़ी दर पीढ़ी रहते आ रहे हैं। आदिवासी परिवारों के लिए न ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है और न ही चलने के लिए पक्की सड़क बनाई गई और न ही रहने के लिए प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किसी भी हितग्राही का मकान बनाया गया है। इससे निवासरत बैगा आदिवासी परिवार को जीवन यापन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शासन प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। इतना ही नहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसर भी कोई सुध लेने नहीं आते है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों का आदिवासी बैगाओं से मोहभंग हो गया है।

कीचड़ वाली सड़क में जहरीले जीवों का खतरा
आदिवासी बैगाओं ने बताया कि सड़क कीचड़ वाली होने से बारिश के दिनों में जहरीले जीव जंतुओं का भय बना रहता है। इतना ही नहीं उन्हें शुद्ध पानी पीने के लिए भी कोई उचित संसाधन नहीं है जिससे पानी लेने के लिए एक किमी दूर वाले हैंडपंपों पर जाना पड़ता है। जबकि बैगाटोला नगरपालिका में आता है तो शासन-प्रशासन को बेहतर सुविधा दी जानी चाहिए। लेकिन ऐसा होते हुए दिखाई नहीं दे रहा है। आदिवासियों का आरोप है कि जनप्रतिनिधि पांच साल में एक बार आते हैं। उसके बाद से दोबारा कोई हालचाल पूछने नहीं आते। तभी तो उन्हें कच्चे मकान से अब तक आजादी नहीं मिल सकी है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द पक्की सड़क बनाई जाए। क्योंकि बारिश होते ही कच्ची सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है।

पीएम आवास योजना दिख रही फीकी
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब व मध्यवर्गीय परिवार जिनका कच्चा मकान है, ऐसे लोगों को योजना से लाभ दिया जाना है। लेकिन बैगाटोला में 13 बैगा सालों से रहते आ रहे हैं। उसके बाद भी कच्चे मकान पक्के नहीं बनाए जा रहे हैं। इससे प्रधानमंत्री आवास योजना बिल्कुल फीकी नजर आ रही है। बैगाटोला के आदिवासी परिवार आज भी छोटी रोजमर्रा की वस्तु के लिए भटकते नजर आ रहे हैं। इस पर शासन प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है। जहां एक ओर देखा भी जाता है आदिवासियों के लिए अनेक योजना संचालित की जाती है, लेकिन किसी भी योजना का बैगाटोला में नहीं दिखाई दे रही है।

कोरोना काल की वजह से बैगाटोला में लाभ नहीं दिलवाया गया है। क्योंकि कोरोना काल में ज्यादा ध्यान रहा है। इससे पीएम आवास ही नहीं और भी काम प्रभावित हुए है। ऐसे लोग जिनको पीएम आवास का लाभ नहीं मिला है। आगामी समय पर दिलवाया जाएगा।

-लक्ष्मण सारस, सीएमओ नपा मलाजखंड।

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