रांची। कई आदिवासी संगठनों ने गुरुवार को आदिवासियों के धार्मिक व सामाजिक जमीन को भू-माफियाओं से बचाने को लेकर राजभवन के समीप धरना दिया। इसमें केंद्रीय सरना समिति, राजी पड़हा सरना, प्रार्थना सभा भारत, आदिवासी छात्रसंघ, 12 और 21 पड़हा तिलता, 22 पड़हा समिति बाजरा सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से रातू के तिलता में चार एकड़ 29 डिसमिल गैर मजरुआ भूमि जिसमें आदिवासी आषाढ़ी पूजा सदियों से कर रहे हैं। वहां भू-माफिया कब्जा कर घेराबंदी कर रहे हैं। जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो एक ग्रामीण पर चार चक्का वाहन चढ़ा दिया और तीन निर्दोष ग्रामीणों पर झूठा मुकदमा कर दिया गया और 18 लोगों को नामजद केस दायर कर दिया गया। जबकि ग्रामीण पर वाहन चढ़ाने वाला आरोपी खुलेआम घूम रहा है।
धरने के माध्यम से रातू के सीओ, थानेदार व ग्रामीण एसपी को अविलंब बर्खास्त करने, जेल भेजे गए ग्रामीणों को अविलंब रिहा करने, 18 नामजद ग्रामीणों के ऊपर से केस वापस लेने और दोषी भू-माफियों पर कानूनी करवाई करने की मांग की गई। मौके पर नारायण उरांव, रवि तिग्गा, शिवा कच्छप, प्रभात तिर्की, बुधुवा उरांव, संजीत गोप, संजय, सीमा उरांव, कविता तिर्की, प्रिया कच्छप, सोमारी उरांव सहित सैकड़ों लोग काफी संख्या में मौजूद थे।