Connect with us

Hi, what are you looking for?

Adiwasi.com

Jharkhand

जब एक गरीब सबर के इलाज के लिए आधी रात को अस्पताल पहुंची उपायुक्त !

जमशेदपुर। उन्नीसवीं सदी के आखिरी दशकों में, जब भगवान बिरसा मुंडा ने “अबुआ दिशुम, अबुआ राज” यानि “मेरा देश, मेरा राज” का नारा दिया था, तब उनकी परिकल्पना शायद एक ऐसी शासन व्यवस्था की रही होगी, जिसमें हर आम नागरिक की समस्याओं के समाधान हेतु सरकार प्रयास करे।

इसी कड़ी में, झारखंड में कल “अबुआ राज” का सपना धरातल पर साकार होता दिखा, जब पूर्वी सिंहभूम जिले की उपायुक्त विजया जाधव स्वयं आदिम जनजाति सबर के एक गरीब आदिवासी व्यक्ति के इलाज की बेहतर व्यवस्था के लिए आधी रात को सदर अस्पताल पहुँची। जी हाँ, बिल्कुल सही पढ़ा आपने, जिलाधिकारी किसी विधायक या मंत्री नहीं, बल्कि एक आम आदमी के इलाज के लिए अस्पताल पहुंची थीं।

मामला डुमरिया प्रखंड के केन्दुआ प्रखंड अंतर्गत दंपाबेडा का है, जहाँ के एक बेहद गरीब व्यक्ति टुना सबर की बीमारी से संबंधित एक समाचार अखबार में छपा था। आदिवासी डॉट कॉम ने इस मामले में पहल कर के, ट्विटर द्वारा इसकी सूचना झारखंड के आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन तथा पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त को दिया। हमारे ट्वीट पर, मंत्री चंपई सोरेन ने उपायुक्त को उनके इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।

तत्पश्चात उपायुक्त द्वारा मंत्री चंपई सोरेन को सूचित किया गया कि सीएचसी में प्राथमिक स्वास्थ्य जाँच कर बाद चर्म-रोग से ग्रसित उक्त मरीज को एम्बुलेंस द्वारा सदर अस्पताल लाया जा रहा है। उपायुक्त ने यह भी बताया की आज (7 फरवरी) गाँव में हेल्थ कैम्प लगाकर सभी ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी। इसके साथ-साथ, सभी ग्रामीणों को राशन, पेंशन, आवास व अन्य सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए भी जिला प्रशासन पहल करेगा।

मंत्री ने उपायुक्त को धन्यवाद देते हुए उन्हें नियमित तौर पर, आदिम जनजाति-बहुल गांवों में स्वास्थ्य व सरकारी योजनाओं से संबंधित शिविर लगाने का निर्देश दिया। ज्ञात हो कि सबर एक विलुप्तप्राय आदिम जनजाति है।

उसके बाद, सबको चौंकाते हुए, आदिवासियों के साथ मित्रवत व्यवहार के लिए जाने वाली उपायुक्त विजया जाधव देर रात सदर अस्पताल पहुंची व चल रही इलाज की प्रक्रिया का जायजा लिया। उपायुक्त ने चिकित्सकों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध करवाने का निर्देश देते हुए मरीज के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

वैसे तो, झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के बारे में माना जाता है कि वह सोशल मीडिया पर खासी एक्टिव है और इसके मुख्यमंत्री समेत कई मंत्री व अधिकारी आम लोगों की छोटी-बड़ी समस्याओं में समाधान हेतु प्रयास रहते हैं। लेकिन ऐसा शायद पहली बार हुआ, जब आधी रात को एक जिलाधिकारी किसी आम आदमी के लिए अस्पताल पहुँची हों।

इससे पहले भी, उपायुक्त विजया जाधव कभी आदिवासी महिलाओं के साथ धान की रोपनी करते, कभी उनके बच्चों को दुलारते हुए, तो कभी दुर्गम सबर-बहुल गाँवों में पूरी सरकार के साथ कैम्प लगाकर योजनाओं का जायजा लेते दिखाई देती रही हैं।

Share this Story...
Advertisement

Trending

You May Also Like

Jharkhand

रांची। झारखंड के कई जिलों में डेंगू तेजी से पांव पसार रहा है। अभी तक पूर्वी सिंहभूम जिले में डेंगू के 294 और चिकनगुनिया...

Exclusive

जमशेदपुर। दामिनी सबर के लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है। एक विलुप्तप्राय आदिम जनजाति “सबर” की इस छात्रा से उपायुक्त विजया...

Jharkhand

जमशेदपुर। झारखंड सरकार की तत्परता ने टुना सबर को मौत के मुँह से खींच निकाला। 38 दिन पहले जिस टुना सबर को मरणासन्न हालत...

Exclusive

जमशेदपुर। कहा जाता है कि एक तस्वीर हजार शब्दों से ज्यादा बोलती है और आज पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड के दुर्गम क्षेत्र...

error: Content is protected !!